नारी एक कथा है, एक व्यथा है, फिर भी नारी सबसे न्यारी है । खुद को भूल कर करती है गैर जरूरी सब काम, फिर भी क्या मांगती है हम सब से ये इनाम । मुमताज़ भी है, माया भी है , चंडी का रूप और कमलकाया भी है । मैंने सुना है राणी जो, मेने देखा है मैरी को, सम्बंध तो नही है हम में फिर भी गर्व है हर भारतीय को । छोड़ देती है सारी ख्वाइशें नारी के रूप में माँ, फिरभी बेटा कह देता है तूने क्या किया ओ मेरी माँ ? उड़ना चाहती है भारत की हर बेटी खुले आकाश में, लेकिन गला घोंट दिया जाता है बंद पाताल में। बेड़िया इतनी मजबूत है के टूट नही सकती बहु की, अंधेरे के कुछ होता है तो याद आती है बहु बेटीयों की। गर्वसे कहता हूँ मुझे नारी योनि मिली जन्मने को, जाके पूछो उन तबेलों की गाय बेलो को । हुआ रेप इनका , हुआ सब कुछ इनका, आया एक दिन तो गया ध्यान सबका। #happywomanday