दस सिर,दस विचार, दुविधा रखने न चाहिएं, एक मति, संकल्प एक,एक पत्नीव्रत राम से सीख हो, जीत पराक्रम, वीर्य की प्राप्ति, नहीं प्राण- प्रताड़ित प्रतिस्पर्धी से मानसिक कोई भीख हो। दश हरण की बात दशहरा, भेद स्वयम् में बिल्कुल गहरा। शुभ हो शुभ ,प्रण -एक के प्राण -एक, सत्य खोजते ! आप बचा निज कल्याण एक। ©BANDHETIYA OFFICIAL दश हरण की बात ! #Dussehra