रैना इन जुल्फों पर, हवाओ का क्यू कोई जोर नहीं है... मोहब्बत के नाम पर, इन धड़कनो मे क्यू कोई शोर नहीं है..... ये रैना बीत जाती है, अक्सर उस खूबसूरत से चाँद को निहार के, क्युकि हमसफर के नाम पर हमारा कोई नहीं है... # रैना