#OpenPoetry हम ने अक्सर यही लिखने की कोशिश की बस लफ्जो को तराशने की कोशिश की जो बात दिल में थी वो होठो पे ना आई बस.. कविता बन कर कागज में ही डूब गईं सोचना तो तब था जब वक़्त कम था अब तो वक़्त ही वक़्त हैं अब क्या सोचना? जो जुनून अब लिखने में तब्दील हो गया हैं अफसोस है इस बात का बस... वो जुनून तुज में तब्दील ना हों सका।।। #दिल की बात 2