समन्दर में तेरना आसा नहीं होता मुकद्धर में लिखा है कहने से कार्वा आसा नहीं होता इक लहर जगानी पड़ती है जब समन्दर पे फतेह होती है कार्वा पे koshis लूटानी पड़ती है #wish कोई ख्वाब तब #हासिल होता हे जब खुद मे उसे #अपनाने की #काबिलियत बया हो