Nojoto: Largest Storytelling Platform

लकीरें ही जब टेड़ी खींच दि उसने... हम कौन होते है

लकीरें ही जब टेड़ी खींच दि उसने... 

हम कौन होते हैँ किस्मत पर रोने वाले.. 

ज़मीन ही बंजर जब दे दि उसने.. 

हम कौन होते हैँ बिज बोन वाले... 

                       कवि कैलाश. हम कौन होते हैँ
लकीरें ही जब टेड़ी खींच दि उसने... 

हम कौन होते हैँ किस्मत पर रोने वाले.. 

ज़मीन ही बंजर जब दे दि उसने.. 

हम कौन होते हैँ बिज बोन वाले... 

                       कवि कैलाश. हम कौन होते हैँ
kailashyede1520

Kailash Yede

New Creator