एक दिन की हसीन मुलाक़ात के बाद जुदाई की घड़ी आ चुकी थी वो हाथ अलग होने से पहले आपस मे टकरा कर अपनी मजबूती बना चुके थे प्लेटफॉर्म के दोनो तरफ दो अलग मेट्रो का उन्हे इन्तजार था और इस तरह उनकी मुलाक़ात भी अपनी दिशा बदल चुकी थी।। @jha_aakansha #मेट्रो