तेरे जिस्म से मेरी खुशबु आती रहेगी कितना भी दूर चला जा.... मेरी याद तूझे वहाँ भी आती रहेगी हो सके तो भुला कर मुझको जी ले अपनी जिंदगी मेरी याद तुझको हर पल सताती रहेगी शहर दर शहर बदल या समंदर पार जा मेरी जिस्म की खुशबु वहाँ भी आती रहेगी.... आँखों से निकले ना अंशु तेरी अक्सर "राशिद" मेरी यादें भी तेरा दमन भीगोती रहेगी ©Rashid MoMeen #Nature Traveling poet 🎠 Suman Zaniyan