बुझ गया घर से जलता दिया आँधियाँ ही कुछ ऐसी चलीं नमी बह गयी आंसू बनके आँखे अब राह कोई तकती नहीं यूँ न जलता हृदय जो तू किसी का सहारा न होता यूं न रोता हृदय जो आँखों का तारा न होता मन रो रहा आँखों में अश्रु धार बहती नहीं नमी बह गयी आंसू बनके आँखे अब राह कोई तकती नहीं........ #NojotoQuote बसे जो ख्वाब आँखों में कई दफ्न कर जाऊ इन्हे कैसे?