*** साथ रहकर पता पड़ा *** " बस तुझे चाहना मेरे हक में हैं , अब तु इसे जिस अंज़ाम तक लाकर छोड़ दे , गैरतलब कभी कर तु भी कुछ कभी , गैर-इरादतन जिस मोड़ पे ला दे . " --- रबिन्द्र राम #चाहना #हक #अंज़ाम #छोड़ #गैरतलब #गैर-इरादतन #मोड़