रबिउल् अब्बल चाँद की सदा बता रही है आ रहे हैं मुस्तुफ़ा ।। समझाने को ज़िंदगी-आखि़रत मुकम्मल दीन ला रहे हैं मुस्तुफ़ा ।। आदम सफिउल्लाह, नूह नज़िउल्लाह, इब्राहीम खलीलउल्लाह, ईसा रूहुल्लाह, मूसा करीमुल्लाह सिलसिला-ए-रसूल खत्म करने आ रहे हैं मुस्तुफ़ा ।। हम आले अली , दीवाने मुस्तुफ़ा सौ जान कुर्बान कर दें उन पर ।। मोहब्बत का वो पैगाम ला रहे मुस्तुफ़ा ।। ©Afzal Mushtaq #jasne_Eid_Miladunnabi_Mubarak_ho_bhaiyo aa rhe hain mustufa