मत पूछो मुझसे क्यों खामोश बैठी हो । न जाने कितनी बातें मैं अपने अंदर छुपाए बैठी हूं ॥ मत पूछो मुझसे क्यों अनजान बैठी हो । न जाने मैं अपने अंदर कितने जज़्बात छुपाए बैठी हूं ॥ मत पूछो क्यों कुछ बदली बदली सी हो । मैं न जाने अपने अंदर कितने समुंदर और कितने तूफान छुपाए बैठी हूं ॥ ©Kanika Verma #छुपाए #मत #पूछो #flowers