आज योगा डे की प्री रिहर्सल के लिए सुबह छह बजे बुला लिया देवेंद्र भैया ने.. मजबूरी थी तो चले गए.. धीरे धीरे योगासन करने लगे तो वास्तव में अच्छा महसूस किया और लगा कि रोजाना जरूर करना चाहिए.. अब जो योग गुरु आये हुए थे वो अतिशयोक्ति पर पहुंच गए बोले कि मैं योगासनों के कारण गर्मी में सिर्फ पंखा चलाता हूँ और सर्दी में बहुत कम कपड़े यूज किए बिना ही आराम से सोता हूँ हम आपस में देखने लगे अचरज भरा मुंह बनाते हुए.. तभी हमारे अंग्रेजी प्रवक्ता डॉ देवेन्द्र भैया जी ने ब्रह्मज्ञान दिया जो हम सब को रिलैक्स फील करा गया "ये बंदा रोज शाम को चार पैग मारकर सोता है.. गर्मी सर्दी का अहसास ही कहां होता है फिर" हरिओम् तत्सत.. 😂 आज योगा डे की प्री रिहर्सल के लिए सुबह छह बजे बुला लिया देवेन्द्र भैया ने सबको.. मजबूरी थी तो चले गए.. धीरे धीरे योगासन करने लगे तो वास्तव में अच्छा महसूस किया और लगा कि रोजाना जरूर करना चाहिए.. अब जो योग गुरु आये हुए थे वो अतिशयोक्ति पर पहुंच गए.. बोले कि मैं योगासनों के कारण गर्मी में सिर्फ पंखा चलाता हूँ और सर्दी में बहुत कम कपड़े यूज किए बिना ही आराम से सोता हूँ.. हम आपस में देखने लगे अचरज भरा मुंह बनाते हुए.. तभी हमारे अंग्रेजी प्रवक्ता डॉ देवेन्द्र भैया ने ब्रह्मज्ञान दिया जो हम सब को रि