टूट कर डाली से जब इसने भी मोहब्बत को खोया होगा.... इंसानों को छोड़ो यारों इस पत्ते ने भी चाहत को रोया होगा.... पत्ते की डाली से मोहब्बत... भूपेश आर्यन सिंह ठाकुर "आज़ाद मन"