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उपचुनाव की आग ने शहीदो को भुला दिया देश की खातिर

उपचुनाव की आग ने शहीदो को भुला दिया 
देश की खातिर मरने का हमने ये कैसा सिला दिया
रोती माये,रोती बहना उनके घर पर मातम है
सुनी हुई मांग किसी,दुख की आयी आफत है
परिवारों के छोड़ अकेला जो बलबेदी को झूल गए
ऐसे वीर सुपतो को ,फिर कैसे हम भूल गए

देशप्रेम की गंगा बहती जिनसे और कुछ न आता हो
जज्बा जिनका देख के पर्वत भी शीश झुकाता हो
ऐसे वीर सपूतों को हम भी शीश झुकाते है
भगत सिंह की  परिपाटी को ,जो जान पे निभाते है उपचुनाव की आग ने शहीदो को भुला दिया 
देश की खातिर मरने का हमने ये कैसा सिला दिया
रोती माये,रोती बहना उनके घर पर मातम है
सुनी हुई मांग किसी,दुख की आयी आफत है
परिवारों के छोड़ अकेला जो बलबेदी को झूल गए
ऐसे वीर सुपतो को ,फिर कैसे हम भूल गए

देशप्रेम की गंगा बहती जिनसे और कुछ न आता हो
उपचुनाव की आग ने शहीदो को भुला दिया 
देश की खातिर मरने का हमने ये कैसा सिला दिया
रोती माये,रोती बहना उनके घर पर मातम है
सुनी हुई मांग किसी,दुख की आयी आफत है
परिवारों के छोड़ अकेला जो बलबेदी को झूल गए
ऐसे वीर सुपतो को ,फिर कैसे हम भूल गए

देशप्रेम की गंगा बहती जिनसे और कुछ न आता हो
जज्बा जिनका देख के पर्वत भी शीश झुकाता हो
ऐसे वीर सपूतों को हम भी शीश झुकाते है
भगत सिंह की  परिपाटी को ,जो जान पे निभाते है उपचुनाव की आग ने शहीदो को भुला दिया 
देश की खातिर मरने का हमने ये कैसा सिला दिया
रोती माये,रोती बहना उनके घर पर मातम है
सुनी हुई मांग किसी,दुख की आयी आफत है
परिवारों के छोड़ अकेला जो बलबेदी को झूल गए
ऐसे वीर सुपतो को ,फिर कैसे हम भूल गए

देशप्रेम की गंगा बहती जिनसे और कुछ न आता हो
amitragh2448

Amit Ragh

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