मैं कवि की कल्पना हूँ, कल्पना को उकेरने वाला कलम हूँ मे, मैं तेरे मस्तिष्क के परे विचारों को अपनाने वाला सन्यासी हूँ , हूँ नहीं कुछ मैं बस एक विचार हूं , विचार में चलने वाली का्न्ती हूँ #vichar #life #enjoying