सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" के कलम से प्रस्तुत है- जो पुल बनाएँगे वे अनिवार्यत: पीछे रह जाएँगे। सेनाएँ हो जाएँगी पार मारे जाएँगे रावण जयी होंगे राम, जो निर्माता रहे