"Love cycle प्यारे पापा आपकी बहुत याद आती हैं याहा होस्टल का रूम थोड़ा छोटा हैं मगर खिड़की से हवा खूब आती हैं पापा आज कॉलेज का पहला दिन था !और मैं पहले दिन ही लेट हो गया टीचर जी ने थोड़ी डाट लगाई .फिर अगले ही पल वो पहचान गए की मैं ही फर्सट रैंकर हूं और उन्होने मुझे सीट पर बैठने का इशारा किया ! फिर मैं आगे की दूसरी सीट पर बैठ गया !पहले दिन की वजह से आज केवल टीचर इन्ट्रोडक्सन करा रहे थे छुट्टी होते ही हम सब बाहर निकल रहे थे तभी पीछे से तेज आवाज में मुझे किसी ने बुलाया "निखिल..... निखिल..... मैं चौक गया फिर मुझे लगा किसी और को बुलाया होगा .मगर अगले ही पल फिर आवाज आई "हाय निखिल ...... अब वो मेरे ठीक सामने खड़ी थी! मैं यही सोच रहा था की कही ये किसी और को समझ कर मुझे तो...... मगर तब तक वो फिर से बोली.... "मैं निधी इसी क्लास में पढती हू .क्या आप मुझसे दोस्ती करे गे मैं डरते हुए "नहीं हा, नहीं मतलब कैसे मैं आपको जानता भी..... नहीं उधर से जवाब आयी"अरे जान जाए गे !मैंने कहा ओके ये कह कर हम बाहर निकल आये फिर साइकिल स्टैन्ड से साइकिल उठाई और पैदल ही चल दिया क्योकी सुबह आते समय साईकिल पंक्चर.हो गई थी .......... First part #lOVECYCLE-1.... #sayriwale #hindiwriting #lovestory