थक गए ज़िन्दगी के नाज़-ओ-सितम उठातें उठातें, करार कभी आया नहीं ढल गए सोये नसीब जगाते जगाते। क्या करें ये ज़िन्दगी समझ आती नहीं, उलझती है माँझे सी फ़िर सुलझती नहीं। #hindiquotes #twoliner #nazarbiswas