मेरी आवाज़ हे मेरी पहचान है स्वर कोकिला "लता मंगेशकर" सुबह-सुबह कानों में जो आवाज़ आई है चारों तरफ बस उसकी ही मधुरता छाई है ये कलियों ने अपने खिलने की ख़ुशी जताई हैं या कोयल रानी ने अपनी सुरीली राग सुनाई है ये गुल ने अपनी बुलबुल को आवाज़ लगाई है या रांझा ने हीर को, दिल की दास्तान बताई है ये आसमां और बादलों के बीच प्यारी लड़ाई हैं या पर्वतों पर काली घटाओं ने पुकार लगाई हैं ये पनघट पर पनिहारिन ने गगरी छलकाई है या राधा-कृष्ण ने मधुबन में रास-लीला रचाई है ये पूनम के चाँद से मिलने उसकी चाँदनी आई है या माँ ने अपनी बिटियाँ को प्यारी लौरी सुनाई है ये जो आवाज़ सबके तन और मन में समाई है ये तो स्वरकोकिला लता ने अपनी लय बिखराई है ©talvindra_writes *🎂 जन्मदिन विशेष 🎂* *स्वर कोकिला "लता मंगेशकर"* सुबह-सुबह कानों में जो आवाज़ आई है चारों तरफ बस उसकी ही मधुरता छाई है ये कलियों ने अपने खिलने की ख़ुशी जताई हैं