तू झाकी है.... तू झाकी है, तू साकी है, बुलंदी तू, आसमां कि हैं।.. तू नशा हैं, तू निशा है, मंजिलों की तू, आशा है.. तू फत्ते है सोहबते है नैनो में ख्वाब अभी बाकी हैं.. तू झाकी है.. तू जीत हैं तू गीत है समंदर के सहिलका तू मीत है.. तू राग है तू जाग है तलब जीतने की, अभी बाकी हैं.. तू झाकी है... कविराज ८६९८८४५२५३ तू झाकी है.... 8698845253