*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“22/6/2021”*🖋️ ✨ *“मंगलवार”*🌟 “जल”... जो हर “जलन” से “ठंडक” देता है, इस “जल” को देखिए ये “बहना” जानता है “रूकना” नहीं, ये “चट्टानों” से टकराता है इसके “मार्ग” में “अनेकों बाधाएं” आती है, “निराकार” है ये “जल”,जिस भी पात्र में डाल दो ये उसका “आकार” ले लेता है, यहीं इसकी “विशेषता” और यहीं हमारे लिए “सीख” भी, कि कैसे हमें “बहते” रहना है कि कैसे हमें “रूकना” नहीं है,चाहे हमारे “मार्ग” में कितनी ही “कठिनाइयां” क्यों न आए, कैसे “जल की भांति” निराकार होकर हर “परिस्थिति” के अनुसार “ढलना” है, बस यहीं “सीख” जल से प्राप्त किजिए और “जीवन” में सदैव “सुखी” रहीए... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“22/6/2021”*🖋️ ✨ *“मंगलवार”*🌟 #“जल” #“ठंडक”