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अपनों से दूर कुछ इस तरह हुये सामने सब मौजूद थे फिर

अपनों से दूर
कुछ इस तरह हुये
सामने सब मौजूद थे
फिर भी हम तन्हा ही रहे
वक्त नहीं था किसी के पास
हम अपना दुःख किससे कहें
कहने को तो सब अपने ही थे
एक ही घर में मीलों के फासले रहे

©Anjali Nigam
  #दूरियां