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कभी बूदोंं की आहट है, तो कभी सूखे पत्तों की सरसराह

कभी बूदोंं की आहट है,
तो कभी सूखे पत्तों की सरसराहट है, 
चिड़ियों की चहक है
पुरानी किताबों की महक है, 

फ़िलहाल कुछ पल के लिए 
मेरा मन शहर के शोर से 
काफ़ी दूर है.🌸



                                                                         ~पल्लवी जोशी quarantine
कभी बूदोंं की आहट है,
तो कभी सूखे पत्तों की सरसराहट है, 
चिड़ियों की चहक है
पुरानी किताबों की महक है, 

फ़िलहाल कुछ पल के लिए 
मेरा मन शहर के शोर से 
काफ़ी दूर है.🌸



                                                                         ~पल्लवी जोशी quarantine