आदम आलम समझा कर मनहूस है दिल्ली समझा कर । कुछ लिखा नहीं क्या करूं थोड़ी पिला दे समझा कर । काला बदन वो बिकी नहीं उसका खाली पेट समझा कर । बूढ़े कंधे अभी थके नहीं कुंवारी है बेटी समझा कर । समझा कर #sudhirtanwar #shortpoem #kalaraang #sharab #thousandthoughts