दीवारें भी अब तो घर की संस्कृतियों पर हसती हैं। घूम रही गलियों में मंथरा कैकेयी घर घर बसती है।। ©कवि मनोज कुमार मंजू #दीवारें #घर #संस्कृति #गलियां #मंथरा #कैकेयी #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू