वो बिखरे रंग और बून्द बून्द पानी हर होली की यही कहानी बहाते है पूरे साल भर भर के जो पानी होली के एक दिन पहले कहते है गुलाल से खेले होली वरना भविष्य में नहीं बचेगा पानी काश की वह ये भी समझते इस कोशिश से हो रहा धुमिल बचपन छुप गए होली के रंग और वो एक प्यारी उमंग वो बिखरे रंग और बून्द बून्द पानी खेलने दो होली और जीने दो उन्हें अपनी ज़िंदगानी।।। Happy holi....... #oldpoetry