ज़िंदगी फ़ुर्सत देती कहाँ है, २ पल शांति से ये सोचने का मौक़ा ही नहीं देती के मेरे साथ क्या हुआ है और क्या हो रहा है। बस चले हंस रहा हूँ और चले जा रहा हूँ। ज़िंदगी २ घड़ी रोने का मौक़ा भी नहीं देती। सोचता हूँ रोकर मन हल्का हो जाएगा लेकिन वक़्त कहाँ है, वक़्त तो छोड़ो किस किस चीज़ पर रोऊँ। क्यों इतना उलझा रखा है तूने ज़िंदगी, फ़ुर्सत तो दे ज़रा #फ़ुर्सत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi