#Chandrayaan2 एक ख़्वाब हैं वर्षों पुराना, चाँद पर अपना आशियाना बनाना, जब माँ की लोरियों में सुनते थे उस चाँद की तारीफ़े, दिल हमेशा ज़िद करता था उस तक जाना, एक ख़्वाब हैं वर्षों पुराना, सोचते थे एक दिन तो जाएँगे मेरे भी पाँव उस पर, ख्वाइश हैं उसे दिल से लगाना, बढ़े थे मेरे पाँव उस तक जाने को, कुछ फ़ासलों की बात थी, उसी छड़ एहसास हुआ चाँदनी को , विफल कर दी हमारे मिशन को, उसे ना मंजूर था मेरा यहाँ पर आना, मैंने भी ज़िद की हैं तो , उस ज़िद को हैं पूरा कर जाना, देखते हैं हम जीत पाते हैं या वो चाँदनी , जिसका हठ हैं मुझें हराना , और मेरा हठ हैं उसे जीत जाना।।।। #चंद-अल्फ़ाज,#इसरो #चाँद का सफर