जिस्म आरजी और रिश्ता है खुदगर्जी ज्यादा देर न टिकेगा आगे तुम्हारी मर्जी। सदा रहना है जीवित अगर किसी दिल में शाश्वत से जुड़ो लगाओ उससे प्रेम-अर्जी। आरजी