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2 Years of माह सावन मा |

2 Years of Nojoto माह सावन
             
       माह सावन में बारिश की बुन्दे
        रिमझीम रिमझीम सी बरसती है
         इन बारिश की बूंदो से ही
         धरा हरियाली से सजती है


         बारिश में माटी की खुश्बू
          मन को बड़ी भाती है
          चारो और ताजी हवा
         आसमान में छा जाती हैं

         खेतो में पानी भर जाता
        नदिया कल कल बहती है
       माह सावन में बारिश की बुन्दे
      रिमझीम रिमझीम सी बरसती है 

      माँह सावन की वो हल्की फुहारें
       मन को प्रसन्न कर जाती है
       बारिश में नहाने के मजे
      सारी थकान उतर सी जाती है

      पानी की टपक टपक सी बुन्दे
        कानो में जब गूंजती है
      माह सावन में बारिश की बुन्दे
      रिमझीम रिमझीम सी बरसती है 

#कवि चिन्तन कोठारी
2 Years of Nojoto माह सावन
             
       माह सावन में बारिश की बुन्दे
        रिमझीम रिमझीम सी बरसती है
         इन बारिश की बूंदो से ही
         धरा हरियाली से सजती है


         बारिश में माटी की खुश्बू
          मन को बड़ी भाती है
          चारो और ताजी हवा
         आसमान में छा जाती हैं

         खेतो में पानी भर जाता
        नदिया कल कल बहती है
       माह सावन में बारिश की बुन्दे
      रिमझीम रिमझीम सी बरसती है 

      माँह सावन की वो हल्की फुहारें
       मन को प्रसन्न कर जाती है
       बारिश में नहाने के मजे
      सारी थकान उतर सी जाती है

      पानी की टपक टपक सी बुन्दे
        कानो में जब गूंजती है
      माह सावन में बारिश की बुन्दे
      रिमझीम रिमझीम सी बरसती है 

#कवि चिन्तन कोठारी