2 Years of Nojoto माह सावन माह सावन में बारिश की बुन्दे रिमझीम रिमझीम सी बरसती है इन बारिश की बूंदो से ही धरा हरियाली से सजती है बारिश में माटी की खुश्बू मन को बड़ी भाती है चारो और ताजी हवा आसमान में छा जाती हैं खेतो में पानी भर जाता नदिया कल कल बहती है माह सावन में बारिश की बुन्दे रिमझीम रिमझीम सी बरसती है माँह सावन की वो हल्की फुहारें मन को प्रसन्न कर जाती है बारिश में नहाने के मजे सारी थकान उतर सी जाती है पानी की टपक टपक सी बुन्दे कानो में जब गूंजती है माह सावन में बारिश की बुन्दे रिमझीम रिमझीम सी बरसती है #कवि चिन्तन कोठारी