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मै रचूँ कोई कविता एक शफ्फ़ाक संगमरमरी गज़ल पर काफिया

मै रचूँ कोई कविता एक शफ्फ़ाक संगमरमरी गज़ल पर
काफिया होठों से चुराउँगा, आँखों से चुराउँगा बहर
बिंदि जबीं की मुझे मतले का इल्म करायेगी
मक़्ता रचा जायेगा उस पाजैब की फज़ल पर !

शब्द कुछ अनछुए से लेने है काव्य से कर्ज़ पर
हर मिसरा बदन का खुदा ने बड़े एहतियात से गढ़ा
मै कुछ छन्द चुराउँगा वहीं से इन्हीं अंगों की तर्ज़ पर!

कई अनगिनत अश'आर झुल्फों में गुम
कई  फर्द़ों  का आलिंगन  कमर  पर
मै  कवि  बनू  उस  अमृती रचना  का
अल्लाह जिस पाक गज़ल का सुखनवर! याद करने हेतु बेहद शुक्रिया Chulbul Pandey..sachi.🤗🤗
शफ्फाक- निर्मल, bright
फज़ल- कृपा, मेहरबानी
अश'आर - शेर का बहुवचन
फर्द़ - शेर
#love 
#yqbaba 
#yqdidi
मै रचूँ कोई कविता एक शफ्फ़ाक संगमरमरी गज़ल पर
काफिया होठों से चुराउँगा, आँखों से चुराउँगा बहर
बिंदि जबीं की मुझे मतले का इल्म करायेगी
मक़्ता रचा जायेगा उस पाजैब की फज़ल पर !

शब्द कुछ अनछुए से लेने है काव्य से कर्ज़ पर
हर मिसरा बदन का खुदा ने बड़े एहतियात से गढ़ा
मै कुछ छन्द चुराउँगा वहीं से इन्हीं अंगों की तर्ज़ पर!

कई अनगिनत अश'आर झुल्फों में गुम
कई  फर्द़ों  का आलिंगन  कमर  पर
मै  कवि  बनू  उस  अमृती रचना  का
अल्लाह जिस पाक गज़ल का सुखनवर! याद करने हेतु बेहद शुक्रिया Chulbul Pandey..sachi.🤗🤗
शफ्फाक- निर्मल, bright
फज़ल- कृपा, मेहरबानी
अश'आर - शेर का बहुवचन
फर्द़ - शेर
#love 
#yqbaba 
#yqdidi