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कुछ दोस्ती कब,कैसे और कितनी खास हो जाती है.... कु

कुछ दोस्ती कब,कैसे और कितनी खास हो जाती है....

कुछ दोस्ती कब,कैसे और कितनी खास हो जाती है..
वो कॉलेज की लाइब्रेरी में की हूई ढेरों बातें याद आती हैं..
वो तुम्हारा “हाँ और ना एक साथ कहना”
वो मेरा अक्सर चुपचाप रहना 
वो फोन पे तुमसे बिना बात की बातें करते जाना
वो तुम्हारा मुझे यूंही सुनते जाना,
मेरा अपनी बचपन की कहानियाँ तुम्हें सुनाना,
वो तुम्हारा मेरे बेकार के जोक्स पर हसते जाना,
वक्त की खबर न लेकर वक्त एक दूसरे के साथ बिताना,
वो हम दोनों की दोस्ती का कुछ ऐसे ही गहरा होते जाना,
वो तुम्हारा छोटी छोटी चीजों पर परेशान हो जाना,
वो मेरा हर बात पर "हां ठीक है न भई" कहने से तुम्हारा कभी कभी चिढ़ जाना,
समझ ही नहीं आया न कब जगह बना लिया हमने एक दूसरे के मन में इतना
की मेरे जैसे इंसान को जिसको पसंद था अकेले बैठे रहना,अकेले ही कही भी जाना,
और अब देखो अच्छा ही नहीं लगता मुझे तुम्हारे बिना कॉलेज भी जाना,
किताबों में रहने की आदत है मुझे आज भी पर अब एक पल भी अच्छा नहीं लगता 
किताबों के साथ लाइब्रेरी में वक्त बिताना....
ना मुझे तुम्हारी आदत ना तुम्हें मेरी जरूरत पर
ये दोस्ती ही कुछ ऐसी है जहां साथ एक दूसरा का मिला देर से
पर अब लगता ही नहीं की एक ऐसा दिन हो जब इस साथ का हो छूट जाना,
भले दूर कितना भी हो पर साथी तो तुम ही हो मेरी
और बस ये साथी वाली दोस्ती मुझे तो अब जीवन भर है ऐसे ही निभाना.... कुछ दोस्ती.....💛💛💛
Thank you for being my friend....
#mywritingmywords #mywritingmythoughts
#friendshipgoals #साथी #seemuneha #yqdidi #yqbaba #yqhindiwriters
कुछ दोस्ती कब,कैसे और कितनी खास हो जाती है....

कुछ दोस्ती कब,कैसे और कितनी खास हो जाती है..
वो कॉलेज की लाइब्रेरी में की हूई ढेरों बातें याद आती हैं..
वो तुम्हारा “हाँ और ना एक साथ कहना”
वो मेरा अक्सर चुपचाप रहना 
वो फोन पे तुमसे बिना बात की बातें करते जाना
वो तुम्हारा मुझे यूंही सुनते जाना,
मेरा अपनी बचपन की कहानियाँ तुम्हें सुनाना,
वो तुम्हारा मेरे बेकार के जोक्स पर हसते जाना,
वक्त की खबर न लेकर वक्त एक दूसरे के साथ बिताना,
वो हम दोनों की दोस्ती का कुछ ऐसे ही गहरा होते जाना,
वो तुम्हारा छोटी छोटी चीजों पर परेशान हो जाना,
वो मेरा हर बात पर "हां ठीक है न भई" कहने से तुम्हारा कभी कभी चिढ़ जाना,
समझ ही नहीं आया न कब जगह बना लिया हमने एक दूसरे के मन में इतना
की मेरे जैसे इंसान को जिसको पसंद था अकेले बैठे रहना,अकेले ही कही भी जाना,
और अब देखो अच्छा ही नहीं लगता मुझे तुम्हारे बिना कॉलेज भी जाना,
किताबों में रहने की आदत है मुझे आज भी पर अब एक पल भी अच्छा नहीं लगता 
किताबों के साथ लाइब्रेरी में वक्त बिताना....
ना मुझे तुम्हारी आदत ना तुम्हें मेरी जरूरत पर
ये दोस्ती ही कुछ ऐसी है जहां साथ एक दूसरा का मिला देर से
पर अब लगता ही नहीं की एक ऐसा दिन हो जब इस साथ का हो छूट जाना,
भले दूर कितना भी हो पर साथी तो तुम ही हो मेरी
और बस ये साथी वाली दोस्ती मुझे तो अब जीवन भर है ऐसे ही निभाना.... कुछ दोस्ती.....💛💛💛
Thank you for being my friend....
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#friendshipgoals #साथी #seemuneha #yqdidi #yqbaba #yqhindiwriters
seemasharma7192

Seema Sharma

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