चुनौतिया कहा नही हैं, आग का दरिया है , पानी भी धुआँ धुआँ रोशन करे जो जहाँ को, उस चिराग़ तले भी अंधेरा उम्मीदोंकी राख हैं यहाँ, ख्वाब भी जर्रा जर्रा चलना हैं आखरी सांस तक, क्या हुआ गर रास्ता भी हैं छर्रा छर्रा ©Madhubala Jain Rathod #wemissyousushant #Nojoto #story #poem #Trending #poetryunplugged #Madhujain