जिंदगी के अफसाने बदल गए......... जिंदगी जीने के बहाने बदल गए.. अपना-अपना कहते थे सब अब अपनों के मायने बदल गए......... हम भी वही हैं, तुम भी वही हो, फिर क्यों रिश्तो के ठिकाने बदल गए?? आज भी सुबह होता है, शाम ढलती है, रात आती है, पर क्यों अब इस होने ना होने के एहसास बदल गए ?? वीरानी सी जिंदगी... यह मेरी! अब जीने की ज़िद कब छोड़ेगी?? कब सांस यह मेरी टूटेगी, कब मेरी हर आ छूटेगी?? रात मुझे समा लो अपनी बाहों में इस कदर, कि मेरी रात का कोई सुबह ना हो, हम भी थक से गए है अपने आप से, अब और कोई चाहत शेष नहीं, अक्सर मेरी बातें मेरे ख्वाबों सी बेजुबा रह जाती है, तुमने भी कहां कभी मेरे इस दिल को जानने की कोशिश ही की या कभी कोई जतन ही किया?? हम भी थक से गए हैं अपनी जमीन तलाशते तलाशते, वीरानी सी जिंदगी यह मेरी जीने की जिद कब छोड़ेगी कब मेरी सांस टूटेगी कब मेरी हर आ छूटेगी.... सुमन सिंह Jab apno ke bich bhi Kabhi Kabhi ensaan akela Ho jata hai, jab lage ki ap aise rishte mai ho jaha koi apko samjhta hi nhi #secondquote #Honestfeeling #kavita #jindagikeafsane