ना मिलती जाकर नदियाँ तो गहरे सागर ना होते ना महकी फुलवारी होती खुशबू के घर ना होते। प्रेम के नभ में अनुभूति का सूरज नही चमकता तो राधा की पायल कान्हा की वंशी के स्वर ना होते। ©Mastraj Gond नदियों के मिलन #Thinking