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ना मिलती जाकर नदियाँ तो गहरे सागर ना होते ना महकी

ना मिलती जाकर नदियाँ तो गहरे सागर ना होते 
ना महकी फुलवारी होती खुशबू के घर ना होते।
प्रेम के नभ में अनुभूति का सूरज नही चमकता तो 
राधा की पायल कान्हा की वंशी के स्वर ना होते।

©Mastraj Gond नदियों के मिलन

#Thinking
ना मिलती जाकर नदियाँ तो गहरे सागर ना होते 
ना महकी फुलवारी होती खुशबू के घर ना होते।
प्रेम के नभ में अनुभूति का सूरज नही चमकता तो 
राधा की पायल कान्हा की वंशी के स्वर ना होते।

©Mastraj Gond नदियों के मिलन

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mastrajgond3477

Mastraj Gond

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