White दिल से मेरी यादों को, रिहा क्यों नहीं करते तुम फूल से ख़ुशबू को जुदा क्यों नहीं करते, रिश्तों के बिखरने का सबब हम से न पूछो तुम खुद ही बताओ के वफ़ा क्यों नहीं करते, बरसों से कोई ख़त नहीं आया मेरे घर पर अब नामा यहाँ लोग लिखा क्यों नहीं करते, जो दूर हुआ हम से - वही पूछ रहा है हम फ़ासला मिटने की दुआ क्यों नहीं करते, क्यों माज़ी की हर याद सजा रक्खी है घर में है दर्द पुराना तो - दवा क्यों नहीं करते, महफ़िल में तो तुम नाम मेरा ले नहीं सकते तन्हाई में भी ज़िक्र मेरा क्यों नहीं करते, बरसों से 'वला'. - एक किनारे पे खड़ी है तुम नील के साहिल पे मिला क्यों नहीं करते.! 'वला' जमाल ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #वफ़ा_क्यों_नहीं_करते... poetry on love hindi poetry on life