आंसू छलक पड़े,दिल जोरो से तङप उठा,आज उसकी याद मे अपलक रह गया , ज़ब दिखी झलक उसकी, मुस्कुराते चाँद मे कि बनकर रह गया मै समंदर,बयां करके इश्क "राज" ना जाने क्या होगा,आंसू कि जगह सैलाब आने के बाद मे ©Saurabh Raj Sauri सैलाब 💛