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जिसके साये में यादों को लिए बैठा हूँ , बस वो दीवार

जिसके साये में यादों को लिए बैठा हूँ ,
बस वो दीवार रोशन है,
बाक़ी ज़िंदगी में छाई हैं वीरानियाँ,दोस्त 
कँहा अब वो प्यार रोशन है ! वीरानियाँ
जिसके साये में यादों को लिए बैठा हूँ ,
बस वो दीवार रोशन है,
बाक़ी ज़िंदगी में छाई हैं वीरानियाँ,दोस्त 
कँहा अब वो प्यार रोशन है ! वीरानियाँ
rajbhandari0407

Raj Bhandari

New Creator