मैं सामंती का शिकार होकर उसका हर जुल्म को बड़े ही करीब से देखा है! उसके हर शिकार को उसके जुल्म से निजात मिले इसलिए, "आदर्श जीवन निर्माण सिद्धांत" मैने लिखा है!! जिसका प्रयोग करके मैं अनेकों को प्रेम का पाठ पढ़ऊंगा! कलह भरी जिंदगी से सदा के लिए निजात दिलाऊंगा !! जिसे आने वाले पीढ़ी भी अपनाएंगे ! अशोकवाद के राह पर चलकर अपने समाज को आदर्श बनाएंगे!! हाँ ,यह भी सच है कि- मैं श्रृंगार रस पर भी लिखता हूँ ! क्योंकि,मैं अंदर से अपने आप को हर उम्र में युवा रखना चाहता हूँ !! ©Ashok Deewana मैं सामंती का शिकार होकर.... #philosophy