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“बचपन की याद” अनुशीर्षक मे

           “बचपन की याद”
             अनुशीर्षक में    


 कोलकाता शहर मेरे बड़ी दीदी का घर
आज देखा यहांँ तस्वीर विश्लेषण तो जहन में वहांँ की यादें ताजा हो गईं
बचपन में जब पहली बार मैं पहुँची उनके शहर
देख कर आँखें चकाचौंध हो गईं
तब कोलकाता कलकत्ता हुआ करता था
उतरे ट्रेन से जब पहुंँच कर हावड़ा स्टेशन
मैंने देखा हावड़ा ब्रिज देख मन हो गया खुश
पहली बार देखा था कोई महानगर जो कभी कहलाता था “सिटी ऑफ जॉय” अब हो गया है सिटी ऑफ मेट्रो
           “बचपन की याद”
             अनुशीर्षक में    


 कोलकाता शहर मेरे बड़ी दीदी का घर
आज देखा यहांँ तस्वीर विश्लेषण तो जहन में वहांँ की यादें ताजा हो गईं
बचपन में जब पहली बार मैं पहुँची उनके शहर
देख कर आँखें चकाचौंध हो गईं
तब कोलकाता कलकत्ता हुआ करता था
उतरे ट्रेन से जब पहुंँच कर हावड़ा स्टेशन
मैंने देखा हावड़ा ब्रिज देख मन हो गया खुश
पहली बार देखा था कोई महानगर जो कभी कहलाता था “सिटी ऑफ जॉय” अब हो गया है सिटी ऑफ मेट्रो