वह तो देखते नहीं पलके झपटकर रूखी इन नैनों को । ज़ालिम ज़माना है या दिल यह पता ही क्या सियानो को । है इश्क़ में जीना क्या जो अपने काबिलियत पे हार जाए । खुदा बक्शे वह नूर की बंदा अंधेरी रहो में फतेह कर जाए । #फतेह #शायरी #yqdidi #yqbaba