इस तन्हाई के आलम में भी मज़ा कुछ और ही है, जो महफिलों में भी न मिले ये नशा कुछ और ही है..।। तन्हाई के आलम में उदासी के मौसम में कविता का जन्म होता है। रचें अपनी कविता। Collab करें YQ Didi के साथ। #तन्हाईकेआलममें