मक्कारों के मलाल मेल-जोल में ज़हर मिला देते हैं बेहद चालाकियों से जहाज किनारों पर ही डुबा देते हैं अपने ही एक हाथ की खबर दूसरे को नहीं होने देते हैं जीते जागते ऐसे ही तिस्लमी हमने रूबरू किरदार देखें है मोहजाल में उलझे खुद पर खंजर चलाते मोहताज देखें है दूसरा घर बसाने वालों के ना खत्म होने वाले इंतजार देखें है बबली गुर्जर ©Babli Gurjar जाल भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन