दाग उसके कपड़ो पर लगा और सोच तुम्हारी गन्दी हो गई ज़रा सी ब्रा स्ट्रिप क्या दिखी उसकी तुम्हारी तो नसे ही तन गई सीने की गोलाइयों पर जाकर तुम्हारी नज़रे टिकने लगी उसने डीप गला क्या पहन लिया पीठ पर तुम्हरी आँखों से उंगलियां फिरने लगी उसके कहे को अनसुना करके तुम लब ताकने लगते हो ज़रा सा दुपट्टा क्या सरक जाए बदन तराशने लगते हो "माल" और "आइटम" कहने से बिल्कुल नही सकुचाते हो 5 साल की हो या 50 की हवस का सामान ही मानते हो तुम्हारी घूरती आँखे उसके कपड़े उतार लेती है तुम्हारी सीटियां और फब्ब्तिया उसे अंदर ही अंदर मार देती है आंकड़े संभाले जाते है नोची हुई देह और गूंजी चीत्कारों का कौन रखेगा हिसाब आँखों से होते बलात्कारों का कब समझोगे तुम कि इन सब से परे भी है स्त्री का अस्तित्व वो शराब की बोतल नही वो है गंगा जितनी पवित्र...!!🖤 #रिपोस्ट #चुराई हुई पोस्ट