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हमेशा सच न बोल सके, पर जूठ बोलना टाल सकते है। अहि

हमेशा सच न बोल सके,
पर जूठ बोलना टाल सकते है।

अहिंसा को न मान सके,
पर गुस्से को संभाल सकते है।

सत्यवादी न सही, 
सत्य का आग्रह रख सकते है।

अहिंसा के पुजारी न सही, 
प्रेम का संग्रह रख सकते है। नमन तुम्हें है दिव्यात्मा 
नमन तुम्हें है महात्मा 

आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। अहिंसा के मार्ग पर चलना सब के लिए आसान नहीं है। आज पग-पग पर इतने प्रलोभन हैं कि सत्य पर टिके रहना अत्यंत कठिन है। 
इसके बावजूद हम सभी में अपनी क्षमता अनुसार सत्य मार्ग पर चलते रहने की इच्छा मौजूद होती है। 

व्यक्तिगत स्तर पर हम सत्य पर बने रहने के लिए क्या कर सकते हैं?
हमेशा सच न बोल सके,
पर जूठ बोलना टाल सकते है।

अहिंसा को न मान सके,
पर गुस्से को संभाल सकते है।

सत्यवादी न सही, 
सत्य का आग्रह रख सकते है।

अहिंसा के पुजारी न सही, 
प्रेम का संग्रह रख सकते है। नमन तुम्हें है दिव्यात्मा 
नमन तुम्हें है महात्मा 

आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। अहिंसा के मार्ग पर चलना सब के लिए आसान नहीं है। आज पग-पग पर इतने प्रलोभन हैं कि सत्य पर टिके रहना अत्यंत कठिन है। 
इसके बावजूद हम सभी में अपनी क्षमता अनुसार सत्य मार्ग पर चलते रहने की इच्छा मौजूद होती है। 

व्यक्तिगत स्तर पर हम सत्य पर बने रहने के लिए क्या कर सकते हैं?
krunaljadav7986

KRUNAL JADAV

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