कभी मां सरस्वती तो कभी काली की पहचान है नारी कभी प्रेम का दर्पण है कभी क्रोध की ज्वाला है नारी यू तो पुरुषो को किसी की जरूरत नहीं फिर भी नर का आधा संसार है नारी कही मां कही बहन कही बेटी कही अर्धांगनी ना जाने कितने रूपो में हमारे साथ है नारी कहने को चांद पर पहुंच गई पर आज भी घर की चार दिवारी में कैद है नारी हर समय कंधे से कंधे मिलाया है हमारा फिर क्यू पुरुषो से पीछे है नारी बहुत कुछ बोल दिया मैने बहुत कुछ बता दिया मैने जिसकी शब्दो में कोई परिभाषा ही नही जीवन की ऐसी पहचान है नारी ©ssd line #schoolfights #songketmurah #surprisedelivery #onlineshopping #model #sdvgeral #swimsuitbaby #porschegt #swell #लव