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तेरी चाहत अब कुछ कह रही हैं। अब तुम किसी और की ओर

तेरी चाहत अब कुछ कह रही हैं।
अब तुम किसी और की ओर जा रही हों।
कल तक जो मेरे नाम की मेहंदी लगा रही थी।
आज खुद अपने नाम की लगा रही हों।

©Writer Gkj #changes
तेरी चाहत अब कुछ कह रही हैं।
अब तुम किसी और की ओर जा रही हों।
कल तक जो मेरे नाम की मेहंदी लगा रही थी।
आज खुद अपने नाम की लगा रही हों।

©Writer Gkj #changes
govindjha1142

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