उत्कंठा को काबू में रख, इच्छा को इंद्रियों भी दबाया, नर्गिसी आंखों की कशिश में,डूबे इस कदर, जज़्बातों का उमड़ता सैलाब को ही जगा दिया, अक्स-ए-रूख-ए-यार की तसलसुल दमक ने। Open for collab Time limit -aj rat 12 baje tak Line limit- 4 line Vijeta ko uphar me testimonial diye jayenge #apk_lekhani #collabwith_apk #YourQuoteAndMine Collaborating with Apki Lekhani