शक्ति और शांति वही व्यक्ति समाज और संस्कृति आगे बढ़ाते हैं जहां शक्ति की उपासना होती है शांति का संदेश भी वही तक पहुंचता है जहां शक्ति की प्रबलता होती है शांति के लिए शक्ति की प्राथमिकता आवश्यक है अज्ञान अंधविश्वास और प्रखंड को खत्म करने के लिए ज्ञान का तर्क की शक्ति चाहिए दरिद्रता और हीनता पर विजय प्राप्त करने के लिए धनी शक्ति चाहिए विश्व कई तरह की शक्ति से अपन है परंतु इस शक्ति से व्यक्ति समाज और विज्ञान में पवित्रता के स्थान पर एंकर बढ़ा रहा है इसलिए शक्ति का सात्विक होना अत्यंत आवश्यक है वास्तव में शोषण जुल्म और तड़पना से मुक्त के लिए सभी को हर तरह से शक्तिशाली होना जरूरी है शारीरिक शक्ति मानसिक शक्ति को मानसिक शक्ति प्राण शक्ति को और प्राण शक्ति आत्मिक शक्ति को संबल प्रदान करती है जब तीनों शक्तियां संतुलित होती हैं तो शांति का प्रकाशन तिगरण में फैल जाता है ऋषि पतंजलि आचार्य चाणक्य और विचारक हे गलने शक्ति और शांति के प्रवक्ता को समझाया था योग दर्शन में कहा गया है इंद्रियों प्राणियों की शक्ति से ही जीवन को शक्ति मिलती है जीवन की शक्ति से ध्यान में एक ग्रह आती है यहां एक रहता है शांति रविंद्र हीनता और सभी तरह के विकारों को समाप्त करने का कार्य करती है एक ग्रता सफलता और आनंद का आधार है आचार्य चाणक्य ऐसी शक्ति से संपन्न होने के लिए कहते हैं जिससे हर तरह के लक्ष्य एक आवेदन किया जा सके उन शक्तियों को परास्त किया जा सके जो शांति की स्थापना में रूकावट डालती हो वह अति आवश्यक है स्पष्ट है कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी कमजोरियों से दूर करने के लिए संकल्पित हो तो कोई कारण नहीं है कि जीवन शक्ति और शांति की प्रवक्ता क्षमता स्थापित ना हो ©Ek villain #Saktimaan #Anhoni